अंता विधानसभा उपचुनाव बीजेपी ने मोरपाल सुमन के नाम पर लगी मोहर, प्रमोद जैन भाया और नरेश मीणा से होगा मुकाबला

बीजेपी ने शुक्रवार को अंता विधानसभा उपचुनाव के लिए मोरपाल सुमन को प्रत्याशी घोषित किया है। मोरपाल की लोकल होने के साथ जातिगत समीकरण में भी फिट बैठते हैं। लंबे समय तक पार्टी में चले मंथन के बाद शीर्ष कमान ने सुमन के नाम पर मोहर लगा दी। दूसरी ओर, कांग्रेस ने पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को मैदान में उतारा है, जबकि नरेश मीणा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में अंता सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है।
बात दे कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थक कंवरलाल मीणा की विधायकी रद्द होने से अंता सीट खाली हुई थी और मोरपाल सुमन वसुंधरा राजे के करीब माने जाते है. हाड़ौती में राजे पार्टी का एक महत्त्वपूर्ण चेहरा है,
गौर करने वाली बात ये भी है की मोरपाल सुमन सैनी समाज से आते हैं। अंता विधान सभा सीट में सैनी एक बड़ा वोट बैंक माना जाता है. अंता के सियासी समीकरणों को देखते हुए सैनी समाज से उम्मीदवार देना जरूरी था। बीजेपी ने इसी फीडबैक के आधार पर सैनी समाज के उम्मीदवार को टिकट दिया है।
अंता विधानसभा में जातीय स्थित भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार अंता विधानसभा क्षेत्र की बीते 1 अक्टूबर को जारी की गई अंतिम मतदाता सूची के अनुसार यहां कुल 2 लाख 27 हजार 563 मतदाता हैं. इनमें से 1 लाख 16 हजार 405 पुरुष और 1 लाख 11 हजार 154 महिला मतदाता हैं. विधानसभा क्षेत्र में 4 वोटर थर्ड जेंडर भी हैं. अंता विधानसभा उपचुनाव के लिए कुल 268 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं जहां मतदाता अपने मतदान का प्रयोग कर सकेंगे.
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक अंता विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदाता दलित समाज के माने जाते हैं. इनकी संख्या करीब 50 हजार आंकी जाती है. दूसरे नंबर पर मीणा, सैनी और धाकड़ समाज के वोटर हैं. इनकी संख्या करीब 40-40 हजार मानी जाती है. इन समाजों के बाद करीब 18 हजार वोट मुस्लिम समुदाय, 14 हजार गुर्जर समाज और 15 हजार ब्राह्मण समाज के वोटर हैं.
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