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विजय दिवस पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने दिया देश को सन्देश, वीरों को किया याद

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16 Dec 2025, 12:08 pm
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रिपोर्टर : Ashish Bhardwaj

नई दिल्ली। भारत में मंगलवार को विजय दिवस पूरे देश में श्रद्धा और गौरव के साथ मनाया गया। यह वही ऐतिहासिक दिन है जब वर्ष 1971 में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान को निर्णायक रूप से पराजित कर बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलाई थी। इस अवसर पर देश के शीर्ष नेतृत्व सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने 1971 के युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी विजय दिवस के अवसर पर वीर शहीदों को नमन किया। उन्होंने कहा कि भारत माता के वीर सपूतों के साहस, पराक्रम और मातृभूमि के प्रति निष्ठा ने राष्ट्र को सदैव गौरवान्वित किया है। राष्ट्रपति ने भारतीय सेना की ‘स्वदेशीकरण से सशक्तीकरण’ की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह भविष्य की चुनौतियों के लिए सेना की तत्परता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हालिया अभियानों में सेना ने आत्मनिर्भरता, सामरिक दृढ़ता और आधुनिक युद्ध तकनीकों के प्रभावी उपयोग का परिचय दिया है, जो पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है।






प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि विजय दिवस पर हम उन बहादुर सैनिकों को याद करते हैं जिनके साहस और बलिदान के कारण 1971 में भारत को ऐतिहासिक जीत मिली। उन्होंने लिखा कि सैनिकों की निस्वार्थ सेवा और दृढ़ संकल्प ने देश की रक्षा की और इतिहास में गर्व का स्वर्णिम अध्याय जोड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दिन उनकी वीरता को सलाम करने और उनके अद्वितीय साहस को स्मरण करने का अवसर है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।






केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संदेश में कहा कि 1971 में आज ही के दिन भारतीय सुरक्षाबलों ने अदम्य साहस और सटीक रणनीति के बल पर पाकिस्तानी सेना को आत्मसमर्पण के लिए विवश किया था। उन्होंने कहा कि यह विजय अन्याय और अत्याचार के खिलाफ मानवता की रक्षा का वैश्विक उदाहरण है और भारतीय सेनाओं की अद्वितीय सैन्य क्षमता का प्रमाण भी। अमित शाह ने युद्ध में प्राणों की आहुति देने वाले सभी वीर शहीदों को नमन किया।






भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी विजय दिवस पर भारतीय सशस्त्र बलों के शौर्य और राष्ट्रभक्ति को नमन किया। उन्होंने कहा कि 1971 में हमारे सैनिकों ने अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर किया था। देश की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर बलिदानियों को उन्होंने विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।






विजय दिवस देशवासियों को न केवल ऐतिहासिक जीत की याद दिलाता है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि भारतीय सेना का साहस, बलिदान और राष्ट्रप्रेम सदैव देश की सुरक्षा की मजबूत ढाल बना रहेगा।


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