दिल्ली में बड़ा एनकाउंटर: ‘सिग्मा एंड कंपनी’ गैंग के सरगना रंजन पाठक समेत चार अपराधी ढेर, बिहार चुनाव में हिंसा की साजिश नाकाम

राजधानी दिल्ली में दिल्ली क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने रोहिणी इलाके में ‘सिग्मा एंड कंपनी’ गैंग के सरगना रंजन पाठक सहित चार कुख्यात अपराधियों को मार गिराया। ये बदमाश बिहार विधानसभा चुनाव में हिंसा और दहशत फैलाने की साजिश रच रहे थे। पुलिस की इस बड़ी कार्यवाही से बिहार चुनाव को सुरक्षित करने में अहम कड़ी बताई जा रही है।
यह घटना 22 अक्टूबर की रात करीब 2:20 बजे की है। दिल्ली के बहादुर शाह मार्ग पर डॉ. अंबेडकर चौक से पंसाली चौक के बीच पुलिस ने इन अपराधियों को घेर लिया। अपने आप को घिरा पा कर इन अपराधियों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्यवाही में इन बदमाशों को गोली लगने से मौत हो गयी
बताया जा रहा है कि ये बदमाश लम्बे समय से दिल्ली में छिपे थे। ये बदमाश रात में अंधेरे का फायदा उठा कर एक लग्जरी कार में सवार कहीं जा रहे थे तथा बिहार में चुनाव के दौरान एक बड़ी हिंसा की योजना बना रहे थे। नाकाबंदी के दौरान पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया, बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने चारों को गोली मार दी। घायल बदमाशों को तुरंत रोहिणी के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस को मौके से भारी मात्रा में हथियार, कारतूस और एक लग्जरी कार मिली।
मारे गए अपराधियों की पहचान रंजन पाठक (25 वर्ष, सीतामढ़ी), बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश साहनी (25 वर्ष, सीतामढ़ी), मनीष पाठक (33 वर्ष, सीतामढ़ी) और अमन ठाकुर (21 वर्ष, करावल नगर, दिल्ली) के रूप में हुई। रंजन पाठक, जो इस गैंग का मास्टरमाइंड था, बिहार के सीतामढ़ी में 25 हजार रुपये का इनामी अपराधी था। वह इतना बेखौफ था कि एक हत्या के बाद उसने मीडिया को अपना ‘बायोडाटा’ तक भेजा था। बिहार पुलिस के डीजीपी के मुताबिक, यह गैंग बिहार-नेपाल बॉर्डर पर सक्रिय था और हत्या, लूट, रंगदारी और अपहरण जैसे दर्जनों संगीन मामलों में वांटेड था। अमन ठाकुर दिल्ली में गैंग को लॉजिस्टिक सपोर्ट दे रहा था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस गैंग ने बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में दहशत फैलाने की साजिश रची थी।
हाल ही में मिले ऑडियो क्लिप्स में इनके बीच हथियारों की तस्करी और हिंसक योजनाओं की बातचीत सामने आई थी। ये बदमाश नेपाल से हथियार मंगवाकर बिहार में लूट, हत्या और अपहरण की वारदातों को अंजाम देने की फिराक में थे। दिल्ली में करीब एक हफ्ते तक छिपने के बाद ये बिहार लौटने की तैयारी में थे, लेकिन पुलिस ने सटीक कार्रवाई ने इनके मसूबो पर पानी फेर दिया।
डीसीपी क्राइम ब्रांच संजीव यादव ने कहा, “बिहार पुलिस के साथ मिलकर किए गए इस ऑपरेशन ने एक बड़े खतरे को टाल दिया। यह गैंग अब पूरी तरह खत्म हो चुका है।”सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस एनकाउंटर की खबर आग की तरह फैल गई।
इस लिंक को शेयर करें