PM मोदी के साथ प्रियंका गांधी की चाय पार्टी पर क्या कांग्रेस को करनी चाहिए चिंता? CPI-M ने भी उठा दिए सवाल, जानिए क्या है सियासी मायने?

PM Modi Priyanka Gandhi Tea Party: संसद के शीतकालीन सत्र की समाप्ति वाले दिन लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की तरफ से दी गई चाय पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रियंका गांधी के चाय पीने की फोटो सामने आई थी। इस फोटो की सियासी गलियारे में भी काफी चर्चा हुई थी। हालांकि राजनेताओं का पार्टी लाइन से इतर साथ बैठना, मिलना, चाय पीना एक स्वस्थ राजनीति माना जाता है और पहले भी कई दिग्गज नेता इस तरह का रुख अपनाते थे, जैसा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के समय होता था। लेकिन अब इन बैठकों को स्वस्थ राजनीति नहीं बल्कि कई सियासी मायनों से परखा जाता है। CPI (M) ने भी ये परख की हुई है। शायद तभी पार्टी को प्रियंका गांधी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठकर चाय पीना पसंद नहीं आया।
क्या बोले CPI(M) सांसद?
CPI (M) के नेता और सांसद जॉन ब्रिटास ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साध दिया और कह दिया कि संसद में मनरेगा को खत्म हुए कुछ घंटे क्या हुए, कांग्रेस नेताओं ने तो चाय पार्टी में जाना ज्यादा बेहतर समझ लिया। ब्रिटास ने तो ये भी कहा कि कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी संसदीय पार्टी के स्ट्रक्चर में कोई औपचारिक पद पर भी नहीं हैं तो वे इस पार्टी में क्या कर रहीं थीं। और जो लोग इन पदों पर हैं वो तो पार्टी में कहीं दिखाई नहीं दिए।
क्या हैं इसके सियासी मायने?
सियासी जानकारों का कहना है कि प्रियंका गांधी के इस टी-पार्टी में जाने पर सवाल इसलिए और उठाए जा रहे हैं क्योंकि मनरेगा का नाम बदलने के बिल पर सबसे ज्यादा कांग्रेस ही केंद्र पर हमलावर थी। राहुल गांधी और सोनिया गांधी और यहाँ तक कि प्रियंका गांधी ने भी संसद में काफी तीखे सवालों से केंद्र से जवाब मांगा था। फिर इस बिल के पास होने के बाद केंद्र के खिलाफ रुख बयान करने के बजाय वे स्पीकर ओम बिरला की टी-पार्टी में चली गईं। कहा तो ये भी जा रहा है कि क्योंकि राहुल गांधी इस समय विदेश दौरे पर हैं इसलिए प्रियंका गांधी इस टी-पार्टी में चलीं गईं। ये प्रधानमंत्री मोदी की खास रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है कि आमतौर पर कांग्रेस के नेताओं से दूरी बनाए रखने वाली बीजेपी ने प्रियंका गांधी के लिए इतना उदारता दिखाई। वहीं कुछ जानकार इसे कांग्रेस में प्रस्तावित सांगठानिक बदलाव से जोड़कर देख रहे हैं।
दरअसल 27 दिसंबर को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक प्रस्तावित है। इसमें संगठन में फेरबदल की चर्चा होने की सम्भावना जताई जा रही है। प्रियंका गांधी का नाम भी एक विशेष पद के लिए सुझाया जा रहा है जैसा कि सोशल मीडिया में दिख रहा है। हालांकि कई विशेषज्ञ फिलहाल प्रियंका को ऐसी जिम्मेदारी देने की संभावना को शून्य बताते हैं। बल्कि इस पद के लिए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत या AICC महासचिव सचिन पायलट के नाम की चर्चा हो सकती है।
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