MON, 27 OCTOBER 2025

कौन है आमिर खान मुत्ताकी, तालिबान के लिए कैसे जोड़ा “नया अध्याय”

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16 Oct 2025, 12:40 am
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रिपोर्टर : Ashish

आमिर खान मुत्ताकी (Amir Khan Muttaqi) अफ़ग़ान तालिबान सरकार के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। 7 सितंबर 2021 से उन्हें “कार्यवाहक विदेश मंत्री” के रूप में नियुक्त किया गया, और बाद में 19 अगस्त 2025 को उन्हें स्थायी कैबिनेट के साथ इस पद पर बनाए गए। मुत्ताकी तालिबान की वार्ता टीमों में सक्रिय रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तालिबान की आवाज़ बनने का काम करते रहे हैं। 


प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा


जन्म और परिवार

मुत्ताकी का जन्म 26 फरवरी 1971 को हेल्मांड प्रांत के नदाली (Nad Ali) जिले के ज़रगून गाँव में हुआ। उनकी पैतृक निवास मूलतः पाक्तिया प्रांत से मानी जाती है, लेकिन परिवार लेकर हेल्मांड आ बसा। 


शिक्षा और युवा जीवन

मुहम्मद शासन (सात-सौ का सोवियत समर्थित कम्युनिस्ट शासन) तथा बाद में गृहयुद्ध की स्थिति के कारण, मुत्ताकी जब लगभग 9 वर्ष के थे, तब उनका परिवार पाकिस्तान चला गया। वहाँ उन्होंने शरणार्थी धार्मिक स्कूलों (मद्दरसों) में अध्ययन किया। 


उन्होंने अरबी व्याकरण, तर्कशास्त्र, क़रार, हदीस और कुरआन‑तफ़सीर जैसे विषयों में शिक्षा ली। 

आगे की शिक्षाएँ उन्होंने पाकिस्तान में प्रसिद्ध मदरसे Darul Uloom Haqqania से प्राप्त की है। 


राजनीतिक करियर


मुत्ताकी का राजनीतिक जीवन तालिबान आंदोलन के उदय से बहुत गहराई से जुड़ा है। नीचे उसके प्रमुख चरण दिए हैं:


प्रारंभिक भागीदारी एवं जिहादी दौर


उन्होंने पहले मौलवी मोहम्मद नबी मोहम्मदी के समूह से जुड़े और सोवियत समर्थित कम्युनिस्ट शासन के खिलाफ जिहादी गतिविधियों में शामिल हुए। 1994 के आस-पास, जब तालिबान संघटन ने तेज़ गति पकड़ी, मुत्ताकी ने इस आंदोलन में शामिल होकर उसकी गतिविधियों में योगदान देना शुरू किया। 


1996–2001: तालिबान की पहली सरकार में भूमिका


जब तालिबान ने 1996 में काबुल पर कब्जा किया, मुत्ताकी को विभिन्न प्रशासनिक और सांस्कृतिक कार्यों की ज़िम्मेदारी दी गई:


उन्होंने सूचना एवं संस्कृति मंत्री (Acting Minister of Information & Culture) की भूमिका संभाली। 

1997 में उन्हें प्रशासनिक कार्यालय (Director General of Administrative Office) की भूमिका दी गई। 

2000 में, उन्हें शिक्षा मंत्री (Minister of Education) का पद भी मिला, जिसे उन्होंने 2001 तक संभाला। 

इनके साथ-साथ वह तालिबान की मीडिया और प्रचार गतिविधियों में सक्रिय रहे और संवाददाता के रूप में भी कार्य करते रहे। 


निर्वासन काल और राजनीतिक गतिविधियाँ (2001–2021)


2001 में अमेरिका एवं अफ़गान सरकार समर्थित गठबंधन के हमले और तालिबान सरकार के पतन के बाद, मुत्ताकी तालिबान नेतृत्व के साथ बाहर हो गए। 

इस अवधि में उन्होंने संवाद और वार्ता दलों में शामिल होकर अंतर-आफगान वार्ता तथा अमेरिका‑तालिबान वार्ताओं में मध्यस्थ की भूमिका निभाई। 

2016 में उन्हें तालिबान के Da’wah, Guidance & Recruitment Commission का प्रमुख बनाया गया। 

वह कतर स्थित तालिबान वार्ता कार्यालय के प्रतिनिधि दल का भी हिस्सा रहे। 

2021 के बाद: वर्तमान सरकार में भूमिका


15 अगस्त 2021 को तालिबान ने काबुल पर नियंत्रण संभाला। तीन सप्ताह बाद, 7 सितंबर 2021 को मुत्ताकी को कार्यवाहक विदेश मंत्री नियुक्त किया गया। 

19 अगस्त 2025 को तालिबान सरकार ने उन्हें स्थायी कैबिनेट का हिस्सा बनाने का निर्णय लिया। 

उनका पद निर्देशन इस प्रकार है कि वे तालिबान सरकार के विदेश नीतियों और कूटनीति की रीढ़ माने जाते हैं। 

विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने विभिन्न देशों से संवाद स्थापित करने और तालिबान शासन की मान्यता दिलाने की कोशिश की है। 


नीतिगत दृष्टिकोण, उपलब्धियाँ एवं भूमिका

कूटनीतिक प्रयास

मुत्ताकी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तालिबान की नीतियों को प्रस्तुत करने तथा आलोचनाओं का सामना करने वाले नेतृत्वधारी हैं। 


2025 में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उन्हें भारत आने की अस्थायी अनुमति दी, जिससे उनका भारत दौरा संभव हुआ। 


इस दौरे को अफ़गानिस्तान‑भारत संबंधों में एक “नया अध्याय” माना जा रहा है, और यह तालिबान की अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता की दिशा में कदम बताया गया है। 

आंतरिक नीति, प्रचार एवं मीडिया


मुत्ताकी ने तालिबान शासन की मीडिया और प्रचार योजनाओं को संचालित करने में भी भूमिका निभाई, विशेषकर 1990s और 2000s में। 

Ministry of Foreign Affairs Afghanistan



वर्तमान में, वह विदेश मंत्रालय के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय दुनिया को यह संदेश देने का कार्य करते हैं कि तालिबान सरकार “शांतिपूर्ण” रूप से शासन करना चाहती है। 



चुनौतियाँ और सीमाएँ


मान्यता की समस्या: अधिकांश देशों ने तालिबान सरकार की अफ़वाहों को मान्यता नहीं दी है, और मुत्ताकी को उसी चुनौती का सामना करना पड़ा है कि कैसे तालिबान शासन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य बनायें।


मानवाधिकार एवं महिलाओं की स्थिति: तालिबान द्वारा महिलाओं के अधिकारों और मीडिया की सीमाओं पर लागू नीतियाँ व्यापक आलोचना का विषय हैं। मुत्ताकी को इन आलोचनाओं का सामना करके नीतियों को “समझाने” का दायित्व है।


आर्थिक एवं विकास चुनौतियाँ: अफ़गानिस्तान को आज आर्थिक संकट, गरीबी, और बुनियादी अवसंरचना की कमी जैसी बेहद गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विदेश मंत्री के रूप में, मुत्ताकी की जिम्मेदारी है कि वह विदेशी सहायता और निवेश को आकर्षित करें।


अनुकूल यात्रा और प्रतिबंध: मुत्ताकी पर पहले संयुक्त राष्ट्र द्वारा यात्रा प्रतिबंध लगाए गए थे। हालाँकि 2025 में भारत यात्रा की अनुमति मिली, लेकिन यह सीमित अवधि का और अस्थायी छूट थी। 



आलोचना एवं विवाद


मुत्ताकी और तालिबान सरकार को अक्सर महिलाओं के शिक्षा एवं अधिकार, प्रेस स्वतंत्रता, और धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति कठोर नीतियों को अपनाने के लिए दुनिया भर में आलोचना मिली है।


भारत में उनके दौरे के दौरान, एक प्रेस वार्ता में महिलाओं पत्रकारों की उपस्थिति न होने पर विवाद हुआ। 



उनके विदेश दौरे और विदेश नीतियों को यह दृष्टिकोण भी माना जाता है कि तालिबान को केवल बाहरी समर्थन और वैधता की ज़रूरत है जिससे वे सीमित समय में व्यापक तात्कालिक दबावों तथा वादों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं।


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