धनतेरस पर राजस्थान के बाजारों में रौनक, अरबों की खरीदारी से गूंजे बाजार, कपड़ा, बर्तन और ज्वेलरी की रही सबसे ज्यादा डिमांड

दीपों के पर्व दिवाली की शुरुआत हो चुकी है। बाजार भी सज चुके है और बाजारों में खरीददारों की लाइन भी लग चुकी है. इस शुभ दिन पर राजस्थान भर में बाजारों में उत्साह का माहौल देखने को मिला। सुबह से ही लोग शुभ मुहूर्त देखकर खरीदारी के लिए बाजारों का रुख करने लगे। जयपुर के बाजारों में ऐसी रौनक है की मानो किसी मेले का नजारा हो।
माना जाता है कि धनतेरस के दिन की गई खरीदारी घर में सुख, समृद्धि और शुभता लाती है। इसी विश्वास के साथ लोगों ने सोना-चांदी, बर्तन, वाहन, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रॉपर्टी तक में जमकर निवेश किया। जयपुर समेत पूरे राजस्थान में दुकानों पर इतनी भीड़ उमड़ी कि कई जगह पैर रखने तक की जगह नहीं रही।
जयपुर में 100 करोड़ का व्यापार, पूरे राजस्थान में 1000 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद
जयपुर में कपड़ा कारोबारी के अनुसार, इस बार केवल जयपुर में ही धनतेरस के दिन करीब 100 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है। वहीं, सात दिवसीय दीपोत्सव पर्व के दौरान जयपुर में कुल कारोबार 250 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में गारमेंट सेक्टर में धनतेरस के दिन लगभग 300 से 350 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ। वहीं, दीपोत्सव के पूरे सप्ताह में यह आंकड़ा 800 से 1000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। यह पिछले साल की तुलना में बेहतर प्रदर्शन माना जा रहा है।
कपड़ा बाजार में बढ़ी ग्राहकी
कपड़ा कारोबारियों का कहना है कि लोगों ने धनतेरस से पहले ही कपड़े की खरीदारी शुरू कर दी थी। पिछले एक सप्ताह से बाजारों में ग्राहकों की आवाजाही बढ़ी हुई थी। धनतेरस के दिन दुकानों पर साड़ी, सलवार सूट, शूटिंग-शर्टिंग, कुर्ता-पजामा और बच्चों के कपड़ों की सबसे अधिक मांग रही। महिलाएं, पुरुष और बच्चे सभी वर्गों के लोगों ने अपने बजट के अनुसार नई-नई ड्रेस खरीदीं। खास बात यह रही कि इस बार महंगाई का असर कपड़ा बाजार पर नहीं पड़ा। दुकानदारों ने बताया कि दामों में किसी तरह की विशेष बढ़ोतरी नहीं की गई, जिससे ग्राहकों ने भी खरीदारी में दिलचस्पी दिखाई।
दीपोत्सव से बढ़ी बाजारों की रौनक
धनतेरस के साथ ही दीपोत्सव की रौनक अब पूरे राज्य में फैल चुकी है। घरों में सजावट, पूजा-सामग्री और लाइटिंग की दुकानों पर भी ग्राहकी चरम पर है। लोग नए सामान की खरीदारी के साथ-साथ लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, दीये, तोरण, लाइटिंग और मिठाइयां भी खरीद रहे हैं। शाम के समय बाजारों में दीपों और लाइटों की जगमगाहट ने त्योहारी माहौल को और भी खुशनुमा बना दिया।
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