इंडियन एयरफोर्स ने चीन को पछाड़ते हुए हासिल किया तीसरा स्थान, वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ मॉर्डन मिलिट्री एयरक्राफ्ट ने जारी की रैंकिंग

इंडियन एयरफोर्स ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त करते हुए, चीन को पीछे छोड़ते हुए, वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ मॉर्डन मिलिट्री एयरक्राफ्ट (WDMMA) की 2025 की ग्लोबल एयर फोर्स रैंकिंग में दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली वायुसेना का स्थान हासिल किया है। इससे पहले, चीन तीसरे स्थान पर था, जबकि भारत चौथे स्थान पर था। अब अमेरिका और रूस के बाद भारत का नाम है, जबकि चीन चौथे स्थान पर खिसक गया है।
WDMMA रैंकिंग: प्रमुख तथ्य
अमेरिका: 242.9 TVR
रूस: 114.2 TVR
भारत: 69.4 TVR
चीन: 63.8 TVR
पाकिस्तान: 46.3 TVR
यह रैंकिंग लड़ाकू विमानों की संख्या, उनकी क्षमता, तकनीकी उन्नति और परिचालन दक्षता जैसे मानकों पर आधारित है।
भारतीय वायुसेना की ताकत
भारतीय वायुसेना के पास 1,716 सक्रिय विमान हैं, जिनमें से 31.6% लड़ाकू विमान, 29% हेलीकॉप्टर और 21.8% ट्रेनर विमान हैं। इस संतुलित संरचना ने इसे एक बहुआयामी और प्रभावी वायुसेना बना दिया है। इसके विपरीत, चीन की वायुसेना में 52.9% लड़ाकू विमान हैं, जो इसे अधिक आक्रामक बनाते हैं, लेकिन कम विविधता प्रदान करते हैं।
स्वदेशी और आधुनिक तकनीक
भारत की वायुसेना ने हाल ही में ऑपरेशन "सिंदूर" के माध्यम से अपनी रणनीतिक और तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित किया है। इसके अलावा, स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस Mk1A, अपग्रेडेड मिराज 2000 और MiG-29, और भविष्य में AMCA जैसे प्लेटफॉर्म भारतीय वायुसेना की ताकत को और बढ़ा रहे हैं।
क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव
यह उपलब्धि भारत की सैन्य शक्ति और रक्षा तैयारियों को वैश्विक स्तर पर मान्यता देती है, जो क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत की बढ़ती वायु शक्ति चीन और पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को निरंतर सुदृढ़ कर रहा है।
इस उपलब्धि से भारतीय वायुसेना की वैश्विक स्थिति मजबूत हुई है और यह दर्शाता है कि भारत अपनी रक्षा क्षमताओं में निरंतर सुधार और नवाचार कर रहा है।
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