MON, 27 OCTOBER 2025

राजस्थान की ‘पन्नाधाय योजना’ में गड़बड़ी उजागर, 5 शिक्षक निलंबित

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26 Oct 2025, 05:26 pm
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रिपोर्टर : Dushyant

राजस्थान के हजारों सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 65 लाख से ज्यादा बच्चों को 'पन्नाधाय बाल गोपाल योजना' के तहत रोज़ दूध पिलाने के लिए सरकार 722 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। लेकिन, इस योजना के तहत बच्चों का पेट भर रहा है या नहीं, लेकिन योजना के नाम पर सरकारी टीचरों और ठेकेदारों का पेट ज़रूर भारी होता जा रहा है। 


दरअसल, जोधपुर व बालोतरा के कुछ राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को कुपोषण से बचने के लिए मिलने वाले मिल्क पाउडर को संस्था प्रधान लगभग 100 से 200 रुपये प्रति किलो के भाव से ठेकेदारों और दुकानदारों को बेच रहे हैं, जिसे बाद में मावा फैक्ट्री चलाने वाले लोग मावा बनाने के लिए खरीद रहे हैं। स्कूलों की जाँच करने पूरा चल रहा ये पूरा घोटाला सामने आया। प्रकरण उजाले में आते ही राजस्थान सरकार ने तुरंत शिकायतों पर सख्त कार्यवाही की और शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने मामले को तुरंत संज्ञान में लेते हुए जाँच के आदेश दिए हैं। 


शुरूआती जाँच में दोषी पाए गए 5 अध्यापकों को शिक्षा विभाग ने तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। राजकीय विद्यालय, मनमोरों की ढाणी के प्रधानाचार्य राजेश मीणा, राजकीय प्राथमिक विद्यालय, जाटों की ढाणी, गंगावास, कल्याणपुर की शिक्षिका शीला बलाई, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, भारी नगर, बावड़ी, जोधपुर का वरिष्ठ अध्यापक मंगलाराम, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नागाणा फाटा, बालोतरा के व्याख्याता पप्पाराम गोदारा और राजकीय प्राथमिक विद्यालय, नागणेसियों की ढाणी, गंगावास, कल्याणपुर के प्रबोधक सुरेश कुमार को विभाग ने हटा दिया है। 


शिक्षा विभाग ने प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय जाँच कमिटी गठित की है, जो जाँच कर चार दिनों में डिटेल्ड रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। साथ ही सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही खाद्य सामग्री का दुरुपयोग रोकने के लिए शिक्षा सचिव ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों को तीन दिनों के भीतर अपनी सत्यापित रिपोर्ट विभाग के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया है एवं उनके क्षेत्र के विद्यालयों में उपलब्ध कराई जा रही खाद्य सामग्री का स्टॉक रजिस्टर से मिलान और भौतिक सत्यापन करने का आदेश भी दिया है। 


शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने कहा कि प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों में खाद्य सामग्री और मिल्क पाउडर का फिजिकल वेरिफिकेशन करवाया जा रहा है। राजस्थान सरकार प्रदेश के लाखों बच्चों के भोजन पर करोड़ों रुपये खर्च करती है। इसमें छोटी से छोटी अनियमितता या दुरुपयोग पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।


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