घोड़े की नाल की अंगूठी से शनि दोष होंगे खत्म, बस रखें ये ध्यान

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में ग्रहों की स्थिति व्यक्ति के जीवन, करियर और सफलता पर गहरा प्रभाव डालती है। विशेष रूप से शनि ग्रह यदि अशुभ या पीड़ित अवस्था में हो, तो जीवन में बाधाएं, करियर में रुकावट, आर्थिक तनाव और मानसिक दबाव जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। ऐसे में शनि के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए ज्योतिष में कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं। इन्हीं उपायों में से एक है घोड़े की नाल की अंगूठी धारण करना।
मान्यता है कि सही विधि और नियमों के साथ घोड़े की नाल की अंगूठी पहनने से शनि के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और भाग्य में सकारात्मक परिवर्तन आने लगता है। हालांकि, इसे पहनने से पहले इसके नियमों को जानना बेहद जरूरी माना गया है।
किस दिन पहनें घोड़े की नाल की अंगूठी
ज्योतिष शास्त्र में घोड़े की नाल की अंगूठी का संबंध शनि ग्रह से जोड़ा जाता है। इसलिए इसे पहनने के लिए शनिवार का दिन सबसे शुभ माना गया है। मान्यता के अनुसार शनि अमावस्या के दिन इस अंगूठी को धारण करना विशेष फलदायी होता है। यदि शनि अमावस्या पर अंगूठी पहनना संभव न हो, तो किसी भी शनिवार को शुभ मुहूर्त में इसे धारण किया जा सकता है। सही दिन पर अंगूठी पहनने से इसके प्रभाव अधिक शक्तिशाली माने जाते हैं।
घोड़े की नाल की अंगूठी पहनने की विधि
शनि के शुभ प्रभाव प्राप्त करने के लिए अंगूठी को विधि-विधान से धारण करना आवश्यक माना गया है। इसके लिए शनिवार या शनि अमावस्या के दिन निम्न प्रक्रिया अपनाई जाती है। सबसे पहले घोड़े की नाल की अंगूठी को दूध, शहद, सरसों का तेल, तिल का तेल और गंगाजल से शुद्ध करें। इसके बाद शांत मन से शनि देव का ध्यान करते हुए शनि मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। मंत्र जाप के पश्चात पवित्र भावना के साथ अंगूठी धारण करें। इस विधि से अंगूठी पहनना सबसे उत्तम और प्रभावशाली माना गया है।
घोड़े की नाल की अंगूठी पहनने के फायदे
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार घोड़े की नाल की अंगूठी पहनने से शनि के नकारात्मक प्रभावों में कमी आती है। जीवन में आ रही बाधाएं धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं। करियर और व्यवसाय में स्थिरता और सफलता मिलती है। मानसिक तनाव कम होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
सावधानी और सलाह
ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी रत्न या विशेष धातु की अंगूठी पहनने से पहले कुंडली की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए। बिना उचित सलाह के अंगूठी धारण करने से अपेक्षित लाभ न भी मिल सके।
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