केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकालीन बंद, 2026 में अक्षय तृतीया पर खुलेंगे

उत्तराखंड की ऊंची पहाड़ियों के बीच पवित्र स्थल केदारनाथ धाम आज शीतकाल के लिए बंद हो गया। आज सुबह वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक परंपराओं के साथ बाबा केदारनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद कर दिए गए। सुबह 4 बजे से ही विशेष पूजाओं और अनुष्ठानों का क्रम शुरू हुआ।
सुबह 8:30 बजे मंदिर के कपाट विधिवत रूप से बंद किए गए, जिसके बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह डोली को मंदिर के सभामंडप में विराजमान किया गया। इसके उपरांत बाबा की डोली अपने शीतकालीन प्रवास की यात्रा पर रवाना हुई। डोली आज रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी, जिसके बाद वह क्रमशः अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ में विराजमान होगी। यहीं पर आने वाले छह महीनों तक भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना होगी।
इसी प्रकार आज मां यमुनोत्री धाम के भी कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जा रहे हैं। दोपहर 12:30 बजे वैदिक विधि-विधान और मंत्रोच्चार के साथ मां यमुना के कपाट बंद होंगे। कपाट बंद होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
चारधाम यात्रा के समापन के साथ उत्तराखंड के इन पवित्र धामों में अब शीतकालीन पूजा आरंभ होगी। श्रद्धालु अब बाबा केदारनाथ और मां यमुना की आराधना उनके शीतकालीन प्रवास स्थलों पर कर सकेंगे।
गौरतलब है कि बाबा केदारनाथ धाम के कपाट 2026 में अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर खोले जाएंगे, जबकि मां यमुनोत्री धाम के कपाट भी अक्षय तृतीया के दिन ही श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलेंगे। हर वर्ष की तरह अगले वर्ष भी इन धामों के कपाट खुलने का सटीक समय बसंत पंचमी के दिन परंपरागत रूप से घोषित किया जाएगा।
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