दरवाज़े लॉक...लोगों में मच गई चीख-पुखार, कर्नाटक में स्लीपर बस में आग लगने से जिंदा जले 20 लोग

Karnataka Bus Accident: कर्नाटक के चित्रदुर्ग में गुरुवार तड़के हुए बस हादसे से एक बार फिर पूरा देश दहल गया। एक कंटेनर ट्रक अनियंत्रित रफ्तार के चलते ड़िवाइडर तोड़ कर सड़क के दूसरी तरफ चला गया और सामने से आ रही स्लीपर बस में जा घुसा। उस वक्त सभी लोग बस में सो रहे थे। सोते हुए उन्होंने तेज धमाके की आवाज़ सुनी और आंख खुली तो बस में आग लगी हुई थी, लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिल। बस का ड्राइवर और क्लीनर तो बस से कूद गए, लेकिन लोगों को बाहर निकलने का मौका मिला क्योंकि बस का दरवाज़ा लॉक था और वो खुल नहीं रहा था। ऐसे में जिसे मौका मिला वो बस की खिड़कियों को जैसे-तैसे तोड़कर कूद गया लेकिन फिर भी बस में 20 लोग जिंदा जल गए। वहीं ट्रक के ड्राइवर और क्लीनर की भी मौत हो गई। हालांकि आधिकारिक आंकड़ा 10 लोगों के ही जिंदा जलने की बात कह रहा है लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स कम से कम 20 लोगों के जिंदा जलकर मरने की बात कह रही हैं। जो बस दुर्घटना का शिकार हुई है वो बेंगलुरु से शिवमोगा जा रही थी। नेशनल हाइवे 48 पर टैंकर ट्रक बस से जा टकराया और ये हादसा हो गया। इसमें बस भी पूरी तरह जलकर खाक हो गई।
बस के डीजल टैंकर से जा टकराया था ट्रक
प्रत्यक्षदर्शिय़ों ने बताया कि बस में जहां डीजल टैंक होता है ट्रक उसी हिस्से में जाकर टकराया। हर तरफ आग थी। लोग चिल्ला रहे थे। क्योंकि बस का दरवाजा नहीं खुल रहा था इस बस हादसे पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हो सकता है कि ट्रक डीजल टैंक से टकराया हो, जिसके चलते तेल रिसा और आग लग गई।
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने जताई संवेदना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर दुख जताया है। PMO की तरफ से कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में हुई दुर्घटना में हुई जानमाल की हानि से मैं अत्यंत दुखी हूँ। मृतकों के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा कोष (PMNRF) से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएँगे।
इस हादसे पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि चित्रदुर्ग के पास एक लॉरी और बस की भीषण टक्कर में कई यात्रियों के जलकर मर जाने की दुखद खबर सुनकर दिल कांप गया है। क्रिसमस की छुट्टियों के लिए अपने गांवों जा रहे लोगों की यात्रा का इस तरह दुखद अंत होना बेहद दर्दनाक है। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए गहन जांच होनी चाहिए। मैं मृतकों की आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। मैं भी इस दुर्घटना में अपनों को खोने वाले परिवारों के दुख में शामिल हूं।
आखिर कैसे होगी सड़कों पर जनता की सुरक्षा
गौरतलब है कि दो महीने पहले आंध्र प्रदेश और जैसलमेर में जब स्लीपर बस हादसा हुआ और उसमें 20-21 लोग जिंदा जले तब देश भर में इसके लिए चिंता पैदा हो गई थी कि स्लीपर बसों में कैसे लोग सुरक्षित रहे, कैसे उनकी सुरक्षा हो सके, कैसे बसों में सुरक्षा के सारे मानदंड पूरे हो सके? राजस्थान में तो सरकार ने इसके लिए कड़े कदम उठा लिए थे, निजी बसों का संचालन रोक दिय़ा था और सारे सेफ्टी फीचर्स को लागू करने के बाद दोबारा संचालन शुरू हुआ था लेकिन ये समस्या सिर्फ राजस्थान की नहीं बल्कि पूरे देश की है। अब कर्नाटक में हुए इस बस हादसे ने देश को फिर से ये सवाल पूछने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर कब तब जनता सड़कों पर इतने दर्दनाक तरीके से अपनी जान गंवाती रहेगी।
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